Sunday, February 13, 2011

विश्व कप क्रिकेट की दास्तां


क्रिकेट विश्व कप वनडे क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है. हर चार साल पर होने वाली ये प्रतियोगिता वर्ष 1975 में इंग्लैंड से शुरू हुई थी. पहले यह प्रतियोगिता 60 ओवरों की होती थी. पहले खिलाड़ी उजली पोशाक में होते थे, तो समय के साथ हर चीज़ रंगीन होता गया.
खिलाड़ियों ने रंगीन पोशाकें पहननी शुरू की, गेंद उजली हो गई और अंपायर तक रंगीन पोशाक में नज़र आने लगे. मैच दिन-रात के होने लगे और 50-50 ओवरों के मैच होने लगे.
पहले तीन विश्व कप इंग्लैंड में आयोजित हुए और तीन में दो विश्व कप का ख़िताब वेस्टइंडीज़ ने जीता. लेकिन 1983 का विश्व कप जीतकर भारत ने बड़ा उलटफेर किया.
1983 विश्व कप के फ़ाइनल में वेस्टइंडीज़ की टीम क्या हारी, विश्व क्रिकेट में उसका वर्चस्व ही कम होने लगा. लेकिन उसके बाद शुरू हुआ ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के वर्चस्व की कहानी.
भारतीय टीम 1983 के बाद वर्ष 2003 में विश्व कप के फ़ाइनल में पहुँची, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने उसे रौंद दिया. ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज़्यादा चार बार विश्व कप का ख़िताब जीता है और तीन बार लगातार ख़िताब जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया है.
भारत के लिहाज़ से देखें तो 1983 में ख़िताब जीतने के बाद उसके लिए सबसे अच्छा विश्व कप रहा वर्ष 2003 का. ठीक 20 साल बाद भारतीय टीम विश्व कप के फ़ाइनल में पहुँची.
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी की और फ़ाइनल छोड़कर क़रीब-क़रीब हर मैच में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया. लेकिन ऐन मौक़े पर सचिन नहीं चले और न चली भारतीय टीम.
वर्ष 2007 का विश्व कप भारत के लिए दुस्वप्न साबित हुआ और टीम पहले ही दौर में बाहर हो गई. बांग्लादेश की टीम ने भी उसे धूल चटाई और फिर भारत का विश्व कप जीतने का सपना फिर टूट गया.
इस बार एक बार फिर विश्व कप का आयोजन भारतीय उपमहाद्वीप में हो रहा है. भारतीय टीम अच्छे प्रदर्शन के दौर में भी है. तो क्या इस बार सचिन का सपना पूरा होगा या नहीं. अब इस विश्व कप में भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की नज़र इसी पर होगी.

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